रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बहुत बड़ा निर्णय लेते हुए एक बैंक का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है और इस बैंक का लाइसेंस रद्द करने की पीछे की वजह है बैंक की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है इस कारण से या बैंक लोगों के पैसे को लौटा नहीं पा रहा था ऐसे में इसके ऊपर काफी दिनों से मुकदमा भी दाखिल किया गया था जो कि मुंबई हाई कोर्ट में 12 सितंबर 2017 से मुकदमा चल रहा था जिसका फैसला आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह सख्ती दिखाई है.
फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जिस बैंक के ऊपर यह कार्यवाही की है उस बैंक का नाम Rupee Co-operative Bank Ltd है जिसका लाइसेंस आरबीआई ने रद्द कर दिया है और आदेश के अनुसार आरबीआई ने बैंकों सलाह दी है कि अगले 6 सप्ताह बाद बैंक को अपना पूरा कारोबार बंद करना पड़ेगा क्योंकि आरबीआई के डायरेक्टर का कहना है कि अगर बैंक को और ज्यादा समय दिया गया तो यह लोगों की पैसे लौटाने में सक्षम होगा और इसका गलत प्रभाव भी पड़ेगा
6 हफ्ते के बाद बंद करना होगा कारोबार
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक के ऊपर बड़ा एक्शन लेते हुए बैंक के अधिकारियों से बोल दिया है कि आप इस बैंक को केवल 6 सप्ताह तक ही चला सकते हैं उसके बाद आपको इसका पूरा कारोबार बंद करना पड़ेगा और यह समय इसलिए बैंक को प्रदान किया गया है ताकि जो भी पैसा ग्राहकों का बैंक में है वह बैंक से ग्राहक अपना पैसा निकाल सकें और बैंक के ऊपर काफी सारे मुकदमे दायर किए गए थे जैसे कि बैंकिंग अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है. इसके अलावा बैंक धारा 22 (3) A, 22(3) B, 22(3) C, 22(3)D और 22(3) E की आवश्यकताओं का पालन करने में असफल रहा है. आरबीआई ने बयान जारी करते हुए कहा है कि डीआईसीजीसी अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक जमा करता 5 लाख रुपए तक जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार है